राजस्थान में बिजली कंज्यूमर्स को करंट लग सकता है। वजह साफ है। राजस्थान में बिजली संकट से निपटने के लिए एक्सचेंज से महंगी बिजली खरीदी जा रही है। समय पर नए प्लांट चालू और कोयले का संकट दूर नहीं होने का खामियाजा उपभोक्ताओं को बढ़े हुए बिजली बिल के तौर पर भुगतना होगा।
सामान्यत: साढ़े 4-5 रुपए यूनिट में मिलने वाली बिजली 12-17 रुपए प्रति यूनिट में खरीदी जा रही है। देशभर में डिमांड होने के कारण कई बार इसकी रेट 20 से 25 रुपए तक पहुंच जाती है। सभी डिस्कॉम महंगी बिजली खरीदकर पैसों की भरपाई बिल में सरचार्ज लगाकर करने की तैयारी में हैं।
33 पैसे प्रति यूनिट बढ़ सकती है रेट
राजस्थान में मौजूद बिजली प्लांट्स से खरीद करने पर बिजली रेट 4 रुपए 20 पैसे से 4 रुपए 45 पैसे तक रहती है। साल 2021 में भी 13 हजार 793 करोड़ रुपए की बिजली खरीदी थी। बिजली कम्पनियां फ्यूल सरचार्ज में बढ़ोतरी कर उपभोक्ताओं पर उसका भार डाल देती हैं।
पिछली बार की तरह इस वर्ष भी 33 पैसे प्रति यूनिट की रेट पर वसूली की जा सकती है। प्रदेश में करीब 1 करोड़ 52 लाख बिजली उपभोक्ताओं से इस फ्यूल सरचार्ज की वसूली होती है। इनमें से 1 करोड़ 19 लाख केवल घरेलू उपभोक्ता हैं, जबकि कॉमर्शियल 14 लाख, इंडस्ट्रियल 3.54 लाख कनेक्शन हैं। एग्रीकल्चर के 15.41 लाख के करीब बिजली कनेक्शन हैं।
ऐसे बढ़ेगा अमाउंट
फ्यूल सरचार्ज वसूली हर तीन महीने में होती है। पिछले क्वार्टर के आधार पर कैलकुलेशन करते हुए मिडिल क्लास घर का उदाहरण लें तो महीने में 350 यूनिट बिजली यूज होने पर उपभोक्ता को करीब 347 रुपए तीन महीने के बिल पर चुकाने होंगे। ज्यादा बिजली कंज्यूमर होने पर उसी रेश्यो में यह अमाउंट बढ़ता जाएगा। एक अनुमान के अनुसार जयपुर डिस्कॉम ही 250 करोड़ रुपए से ज्यादा वसूली करता है। तीनों डिस्कॉम 550 से 650 करोड़ रुपए तक उपभोक्ताओं से वसूलते हैं
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