सोलर पैनल से चार्ज होने वाला ई-रिक्शा |
आप सब लोगो ने ई रिक्शा तो देखा ही होगा और सफर भी किया होगा ये बिना पेट्रोल डीजल के चलता है इसमें बैटरी लगी हुई होती है जो डीसी मोटर से कनेक्ट रहती है,जिसे रात भर चार्ज किया जाता है और दिन में उसको चलाया जाता है ये ई-रिक्शा 4 से 5 घंटे बैकअप देता है बाकि लोड पर निर्भर है,एक ई रिक्शा 1.5 लाख का आता है
ई रिक्शा में सबसे ज्यादा कोस्ट बैटरी की है और सबसे ज्यादा प्रॉब्लम भी बैटरी को चार्ज करने में आती है क्यों की अगर बैटरी ख़राब हो गई तो नई बैटरी की कोस्ट ज्यादा होती है और अगर ई रिक्शा की बैटरी दिन में डाउन हो गई तो उसको चार्ज करने के लिए घर जाना पड़ता है तो टाइम वेस्ट मनी वेस्ट।
ई रिक्शा की तादात बड़े शहरों में ज्यादा होने के बावजूद कही भी ई रिक्शा चार्जिंग स्टेशन नहीं बनाये गए है जिससे ई रिक्शा चालकों को परेशानी न हो.
इसके लिए सोलर में एक सोल्युशन निकाला गया है जिससे बैटरी भी डाउन नहीं होगी और घर जाके ई रिक्शा चार्ज भी नहीं करना पड़ेगा मतलब नो टाइम वेस्ट नो मनी वेस्ट इस सिस्टम को लगवा कर चालक अपनी कमाई भी 30% बड़ा सकते है और 30% ज्यादा दुरी तय कर सकेंगे सकेंगे,इसके लिए क्या क्या लेना होगा देख लेते है.
ई रिक्शा में सबसे ज्यादा कोस्ट बैटरी की है और सबसे ज्यादा प्रॉब्लम भी बैटरी को चार्ज करने में आती है क्यों की अगर बैटरी ख़राब हो गई तो नई बैटरी की कोस्ट ज्यादा होती है और अगर ई रिक्शा की बैटरी दिन में डाउन हो गई तो उसको चार्ज करने के लिए घर जाना पड़ता है तो टाइम वेस्ट मनी वेस्ट।
ई रिक्शा की तादात बड़े शहरों में ज्यादा होने के बावजूद कही भी ई रिक्शा चार्जिंग स्टेशन नहीं बनाये गए है जिससे ई रिक्शा चालकों को परेशानी न हो.
इसके लिए सोलर में एक सोल्युशन निकाला गया है जिससे बैटरी भी डाउन नहीं होगी और घर जाके ई रिक्शा चार्ज भी नहीं करना पड़ेगा मतलब नो टाइम वेस्ट नो मनी वेस्ट इस सिस्टम को लगवा कर चालक अपनी कमाई भी 30% बड़ा सकते है और 30% ज्यादा दुरी तय कर सकेंगे सकेंगे,इसके लिए क्या क्या लेना होगा देख लेते है.
अब बात आती है क्या ये सच में संभव है की सोलर पैनल लगाकर रिक्शा को पूरा दिन चलाया जा सकता है अब बात ये भी आती है की ये सब कुछ निर्भर भी करेगा की रिक्शा धुप में कितनी देर चलेगी क्यों की ये तो संभव नहीं की रिक्शा हमेशा धुप में ही चले क्यों की उसको छोटी छोटी गलियों या ऊँची ऊँची बिल्डिंग्स के बीच से भी होकर गुजरना पड़ेगा तो क्या वाकई ये संभव है.
देखिये बैटरी चार्जिंग का पीक टाइम 5 से 6 घंटे ही होता है और मान लेते है अगर लाइट से चार्ज करने पर वो 60 किलोमीटर चलती है तो अगर उस पर सोलर पैनल लगा दिया जाये तो 500 वाट सोलर पैनल के हिसाब से वो 100 किलोमीटर तक चल सकती है ये भी जब वो दिन भर धुप में रहे या धुप में चले और अगर रिक्शा बिलडिंग्स के बीच काले तो वो 50 % ही ऊर्जा ले पायेगा सोलर पैनल से तो वो 80 किलोमीटर की रेंज हमें दे देता है
इससे ये निष्कर्ष निकलता है की सोलर लगाने से थोडा ही सही पर फायदा तो है और आने वाले समय में सोलर पैनल को और भी दक्ष या EFFICENT बनाया जायेगा तब हो सकता है ई-रिक्शा को लाइट से चार्ज ही न करना पड़े.
में जब ग्रेटर नॉएडा गया मेने देखा सेक्टर 51 से सेक्टर 52 के बीच मेट्रो स्टेशन के लिए ई-रिक्शा मुफ्त में लगे हुए है जो की एक बार में केवल 2 ही यात्रिओ को लेकर जाते है और उन सभी ई-रिक्शा पर सोलर पैनल लगे हुए है ऊपर साइड में ETC और वो ई-रिक्शा दिन भर चलते है और चार्ज भी साथ में होते रहते है तो ये देखकर मुझे बहुत अच्छा लगा और मेने इसका विडिओ में बनाया और चित्र भी खींचा जो की सबसे ऊपर लगाया हुआ है और में ये आशा भी करता हु की आने वाले समय में ये एक बहुत बड़े पैमाने पर चलेगा बिना बिजली के क्यों की इलेक्ट्रिक कार इसका सबसे बड़ा उदाहरण है.
इसका वीडियो में यूट्यूब पर शेयर करूँगा और उसका लिंक में यहाँ भी शेयर करूँगा।
एक टिप्पणी भेजें