राजस्थान अब अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में देशभर में पहले स्थान पर |
राजस्थान अब अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में देशभर में पहले स्थान पर आ गया है। 17040.62 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा विकसित कर देश में पहले पायदान पर है। अभी तक राजस्थान सौर ऊर्जा में ही सिरमौर था, लेकिन अब इसमें विंड, बॉयोपावर ऊर्जा में भी आगे हो गया है। बताया जा रहा है कि प्रदेश को मार्च में 1877 मेगावाट अतिरिक्त सोलर ऊर्जा क्षमता विकसित करने पर यह स्थान मिला है। जबकि, फरवरी में राजस्थान चौथे पायदान पर था अब एक माह में ही तमिलनाडू, गुजरात, कर्नाटक और महाराष्ट्र को पीछे छोड़ दिया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल ने बताया कि केन्द्र सरकार के नवीन व नवीकरणीय मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार एक माह में ही चौथे नंबर से पहले नंबर पर आने वाले प्रदेश में राजस्थान पहला राज्य है।
पहले पांच स्थान पर राज्य
1. राजस्थान-17040.62 मेगावाट
2. गुजरात - 16587.90 मेगावाट
3. तमिलनाडू-16099 मेगावाट
4. कर्नाटक-15904.59 मेगावाट
5. महाराष्ट्र-10657.08 मेगावाट
(नवीकरणीय ऊर्जा में समग्र रुप से विंड पावर, बायोपावर और सोलर पावर शामिल है)
यूं हुआ बदलाव
फरवरी में जारी रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान चौथे स्थान पर था, जबकि तमिलनाडू पहले पायदान पर था। अब तमिलनाडू पिछडकर तीसरे स्थान पर आ गया है। वहीं गुजरात तीसरे से दूसरे स्थान पर काबिज हो गया। सोलर ऊर्जा के क्षेत्र में पहले से ही राजस्थान पहले स्थान पर है।
देश में यह स्थिति-
-109885.39 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता विकसित
प्रदेश में यह है स्थिति-
(1) सोलर की स्थिति
-11493.75 मेगावाट क्षमता ग्राउण्ड माउण्टेड सोलर
-748.44 मेगावाट क्षमता रूफटॉप सोलर
-322.68 मेगावाट क्षमता आफग्रिड सोलर
-12564.87 मेगावाट कुल सोलर ऊर्जा क्षमता विकसित
(2) विंड पावर
-4326.82 मेगावाट
(3) बायो पावर
-125.08 मेगावाट
-23.85 मेगावाट स्माल हाइड्रो पावर
वित्तीय लाभ भी
राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम और इसकी सहयोगी कंपनी ने 31 मार्च, 2022 तक (पिछ्ला वित्तीय वर्ष) 65 करोड़ रुपए का लाभ अर्जित कर नया इतिहास रचा है।यह वर्ष 2019-20 की तुलना में दो गुना से भी अधिक है। जबकि, वर्ष 2020-21 की तुलना में 20 करोड़ रुपए से भी अधिक है।
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