चंद्रयान-3 चंद्रमा पर तस्वीरें और वीडियो भेजने के लिए एक उच्च-गति वाला डिजिटल डेटा लिंक का उपयोग करता है। यह लिंक चंद्रयान-3 के ऑनबोर्ड उपकरणों और पृथ्वी पर स्थित आईएसआरओ के नियंत्रण कक्ष के बीच डेटा को स्थानांतरित करता है।
चंद्रयान-3 का डिजिटल डेटा लिंक 100 मेगाबिट प्रति सेकंड की गति से डेटा को स्थानांतरित कर सकता है। यह लिंक चंद्रयान-3 के कैमरों, सेंसरों और अन्य उपकरणों से डेटा को पृथ्वी पर भेजता है। यह डेटा फिर आईएसआरओ के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों द्वारा चंद्रमा के बारे में अधिक जानने के लिए विश्लेषण किया जाता है।
चंद्रयान-3 का डिजिटल डेटा लिंक एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो चंद्रमा पर भारत के वैज्ञानिक अनुसंधान को सक्षम करता है। यह लिंक आईएसआरओ को चंद्रमा की सतह से उच्च-गुणवत्ता वाली तस्वीरें और वीडियो प्राप्त करने की अनुमति देता है, जो चंद्रमा के भूविज्ञान, भूविज्ञान और अन्य पहलुओं के बारे में अधिक जानने में मदद करेगा।
चंद्रयान-3 का डिजिटल डेटा लिंक एक उपग्रह संचार लिंक का उपयोग करता है। यह उपग्रह संचार लिंक चंद्रयान-3 और पृथ्वी के बीच डेटा को स्थानांतरित करने के लिए एक उपग्रह का उपयोग करता है। उपग्रह संचार लिंक चंद्रमा के चारों ओर पृथ्वी की परिक्रमा करता है, जो चंद्रयान-3 और पृथ्वी के बीच निरंतर डेटा लिंक प्रदान करता है।
चंद्रयान-3 का डिजिटल डेटा लिंक एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो चंद्रमा पर भारत के वैज्ञानिक अनुसंधान को सक्षम करता है। यह लिंक आईएसआरओ को चंद्रमा की सतह से उच्च-गुणवत्ता वाली तस्वीरें और वीडियो प्राप्त करने की अनुमति देता है, जो चंद्रमा के भूविज्ञान, भूविज्ञान और अन्य पहलुओं के बारे में अधिक जानने में मदद करेगा।
चंद्रयान 3 से चंद्रमा की तस्वीर पृथ्वी पर भेजने के लिए, चंद्रयान 3 का प्रमोशन मॉड्यूल चंद्रमा की कक्षा में जाता है और चंद्रमा के संपर्क में रहता है। यह चंद्रमा के चारों ओर चक्कर लगाता है और चंद्रमा के सतह पर स्थित लैंडर और रोवर से संदेश प्राप्त करता है। चंद्रयान 3 का प्रमोशन मॉड्यूल इन संदेशों को पृथ्वी पर स्थित ISRO के नियंत्रण केंद्रों को भेजता है।
चंद्रयान 3 का लैंडर और रोवर चंद्रमा की सतह पर स्थित हैं। लैंडर में एक कैमरा है जो चंद्रमा की सतह की तस्वीरें लेता है। इन तस्वीरों को लैंडर में एक उपकरण द्वारा डिजिटल रूप में बदल दिया जाता है। फिर, डिजिटल तस्वीरों को लैंडर के एंटीना द्वारा चंद्रयान 3 के प्रमोशन मॉड्यूल को भेज दिया जाता है। प्रमोशन मॉड्यूल इन तस्वीरों को पृथ्वी पर स्थित ISRO के नियंत्रण केंद्रों को भेजता है।
रोवर में भी एक कैमरा है जो चंद्रमा की सतह की तस्वीरें लेता है। इन तस्वीरों को रोवर में एक उपकरण द्वारा डिजिटल रूप में बदल दिया जाता है। फिर, डिजिटल तस्वीरों को रोवर के एंटीना द्वारा चंद्रयान 3 के प्रमोशन मॉड्यूल को भेज दिया जाता है। प्रमोशन मॉड्यूल इन तस्वीरों को पृथ्वी पर स्थित ISRO के नियंत्रण केंद्रों को भेजता है।
ISRO के नियंत्रण केंद्र इन तस्वीरों को संसाधित करते हैं और उन्हें जनता के लिए उपलब्ध कराते हैं।
चंद्रयान 3 का प्रमोशन मॉड्यूल चंद्रमा की कक्षा में एक छोटे से उपग्रह के रूप में कार्य करता है। यह चंद्रमा के सतह पर स्थित लैंडर और रोवर से संदेश प्राप्त करने और उन्हें पृथ्वी पर भेजने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
चंद्रयान-3 से तस्वीरें इसरो तक एक रेडियो लिंक के माध्यम से आती हैं। चंद्रयान-3 के लैंडर, प्रज्ञान रोवर, और ऑर्बिटर में सभी में रेडियो ट्रांसमीटर और रिसीवर होते हैं। ये डिवाइस तस्वीरों को एक डिजिटल फॉर्मेट में एन्कोड करते हैं, और फिर उन्हें एक विशेष आवृत्ति पर प्रसारित करते हैं। इसरो के एंटेना, जो भारत में स्थित हैं, इन आवृत्तियों को पकड़ते हैं और तस्वीरों को डिकोड करते हैं। एक बार तस्वीरें डिकोड हो जाने के बाद, वे इसरो के कंप्यूटरों पर भेज दी जाती हैं, और फिर उन्हें सार्वजनिक डोमेन में जारी कर दिया जाता है।
चंद्रयान-3 से तस्वीरें लेने की प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में होती है:
- लैंडर, प्रज्ञान रोवर, या ऑर्बिटर एक तस्वीर लेता है।
- तस्वीर को डिजिटल फॉर्मेट में एन्कोड किया जाता है।
- तस्वीर को एक विशेष आवृत्ति पर प्रसारित किया जाता है।
- इसरो के एंटेना तस्वीर को पकड़ते हैं।
- तस्वीर को डिकोड किया जाता है।
- तस्वीरें इसरो के कंप्यूटरों पर भेज दी जाती हैं।
- तस्वीरें सार्वजनिक डोमेन में जारी कर दी जाती हैं।
चंद्रयान-3 से तस्वीरें एक उच्च गुणवत्ता वाली होती हैं, और वे चांद की सतह और इसके आसपास की दुनिया की विस्तृत तस्वीर प्रदान करती हैं। इसरो चंद्रयान-3 से तस्वीरों का उपयोग वैज्ञानिक अध्ययन के लिए करता है, और उन्हें दुनिया भर के लोगों के साथ साझा भी करता है।
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