चंद्रयान 3 पर सोने की परत दो मुख्य कारणों से लगाई जाती है:
1. **तापमान नियंत्रण:** चंद्रमा पर दिन का तापमान 127 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है, जबकि रात का तापमान -173 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। इस तरह के चरम तापमान अंतर से उपकरणों को नुकसान पहुंच सकता है। सोना एक उत्कृष्ट ऊष्मा चालक है, इसलिए यह उपकरणों को गर्मी को जल्दी से सोखने और छोड़ने में मदद करता है। इससे उपकरणों को तापमान के चरम से बचने में मदद मिलती है।
2. **सूर्य के विकिरण से सुरक्षा:** चंद्रमा सूर्य के विकिरण के लिए पूरी तरह से असुरक्षित है। सूर्य का विकिरण उपकरणों को क्षति पहुंचा सकता है और यहां तक कि उन्हें नष्ट भी कर सकता है। सोना एक अच्छा अवशोषक है, इसलिए यह सूर्य के विकिरण को सोख सकता है और उपकरणों को इसकी तीव्रता से बचा सकता है।
चंद्रयान 3 के लैंडर पर सोने की परत की मोटाई 0.003 मिलीमीटर है। यह परत लैंडर के सभी महत्वपूर्ण हिस्सों को कवर करती है, जिसमें थर्मल नियंत्रण प्रणाली, विद्युत प्रणाली और संचार प्रणाली शामिल हैं।
इसके अलावा, चंद्रयान 3 के रोवर पर भी सोने की परत लगाई गई है। रोवर को चंद्रमा पर गहराई से अध्ययन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, और सोने की परत इसे चरम तापमान और सूर्य के विकिरण से बचाने में मदद करेगी।
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